इवीएम पर सवाल उठाना गलत परिपाटी
प्रथम चरण का चुनाव समाप्त होते ही कुछ राजनीतिक दलों ने इवीएम हैकिंग का राग अलापना शुरू कर दिया है. उन्हें यह समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र रूप से चुनाव आयोग गठित है, जिसके निर्णय में सत्ताधारी दल का कोई हस्तक्षेप नहीं होता. आयोग चुनाव के लिए […]
प्रथम चरण का चुनाव समाप्त होते ही कुछ राजनीतिक दलों ने इवीएम हैकिंग का राग अलापना शुरू कर दिया है. उन्हें यह समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है.
चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र रूप से चुनाव आयोग गठित है, जिसके निर्णय में सत्ताधारी दल का कोई हस्तक्षेप नहीं होता. आयोग चुनाव के लिए भारी संख्या में अधिकारियों व कर्मचारियों को नियुक्त करता है, जो पूरी निष्पक्षता के साथ पूरी प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाता है. ऐसे में इवीएम हैकिंग की एक प्रतिशत भी गुंजाइश नहीं होती है.
चुनाव के दौरान आयोग इतना सख्त रहता है कि जरा-सी लापरवाही पर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी हों, उनकी नौकरी तक चली जा सकता है. ऐसे में कोई भी अधिकारी या कर्मी अपनी नौकरी जोखिम में नहीं डाल सकते.
तनिष पुनपुन, पतौरा (मोतिहारी)