बयानों की राजनीति
मीडिया में गाहे-बगाहे किसी राजनेता, धर्मगुरु, मंत्री आदि के बयानों की खबर रहती है. बयानबाजी दरअसल एक हथियार हो गया है जिसे हर क्षेत्र के लोग चर्चित होने के लिए अक्सर इस्तेमाल करते हैं और इसमें मीडिया भी अग्रणी भूमिका निभाता है. कभी कोई धर्मगुरु, राजनेता, मंत्री, पार्टियों के सांसद, विधायक या कार्यकर्ता, फिल्मवाले लोग […]
मीडिया में गाहे-बगाहे किसी राजनेता, धर्मगुरु, मंत्री आदि के बयानों की खबर रहती है. बयानबाजी दरअसल एक हथियार हो गया है जिसे हर क्षेत्र के लोग चर्चित होने के लिए अक्सर इस्तेमाल करते हैं और इसमें मीडिया भी अग्रणी भूमिका निभाता है. कभी कोई धर्मगुरु, राजनेता, मंत्री, पार्टियों के सांसद, विधायक या कार्यकर्ता, फिल्मवाले लोग समाज के संवेदनशील विषयों यथा महिलाओं पर, कभी धर्म पर, कभी महान नेताओं पर, कभी जाति विशेष पर, आपत्तिजनक टिप्पणी कर समाज का माहौल बिगाड़ते हैं और दबाव पड़ने पर माफी मांग कर छुटकारा पा लेते हैं. इससे बयानबाजी की राजनीति करने वालों का मन बढ़ता है. जरूरत है, इन बयानबाजियों पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि गणमान्य हस्तियां भविष्य में अपनी जिम्मेवारी को समझें और कुछ भी बोलने से पहले जरूर सोचें.
मनीष वर्मा, धनबाद