सूझबूझ के साथ अपना वोट दे जनता

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी महापर्व का आगाज हो चुका है. देश के दो मुख्य दलों के घोषणा पत्र पर नजर दौड़ाएं, तो कोई भी वादों को पूरा करने वाला नहीं लगता. कोई पार्टी शहीदों के नाम पर वोट मांग रही है, तो कोई राम मंदिर पर. जनता के खातों में पैसा भेजने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2019 8:33 AM
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी महापर्व का आगाज हो चुका है. देश के दो मुख्य दलों के घोषणा पत्र पर नजर दौड़ाएं, तो कोई भी वादों को पूरा करने वाला नहीं लगता.
कोई पार्टी शहीदों के नाम पर वोट मांग रही है, तो कोई राम मंदिर पर. जनता के खातों में पैसा भेजने जैसे लालच दिये जा रहे हैं. सभी पार्टियां अपनी विरोधी पार्टियों पर कीचड़ उछालने में लगी हैं. सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में आजम खान के रूप में देखा गया है.
भारत मे चुनाव एक खेल-सा बन गया है. जहां पार्टी के लोग जनता के हित के लिए नहीं, कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं. अब तो पैसों से भी वोट बिकने लगे हैं. लोगों को अपने वोट की कीमत का पता नहीं है. इसका फायदा नेताओं को मिलता है. अगर हमने एक अच्छी सरकार नहीं चुनी, तो आने वाले समय में हम और पीछे चले जायेंगे. जनता को सूझबूझ के साथ अपना वोट देने की जरूरत है.
अभिजीत मेहरा, गोड्डा

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