स्कूलों के सिलेबस में संगीत किया जाये अनिवार्य

जीवन ही संगीत है. संगीत का महत्व हमारे जीवन में जन्म से लेकर मरणावस्था तक हास्य, आनंद, दुख आदि के रूप में प्रयोग होते रहते हैं. संगीत भगवान का दिया हुआ रोगों का उपचार और जीवन को खुश रखने का सर्वोच्च और अनमोल उपहार है. लेकिन, आज यह सिर्फ कहने सुनने-सुनाने की बात होती जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2019 6:37 AM
जीवन ही संगीत है. संगीत का महत्व हमारे जीवन में जन्म से लेकर मरणावस्था तक हास्य, आनंद, दुख आदि के रूप में प्रयोग होते रहते हैं.
संगीत भगवान का दिया हुआ रोगों का उपचार और जीवन को खुश रखने का सर्वोच्च और अनमोल उपहार है. लेकिन, आज यह सिर्फ कहने सुनने-सुनाने की बात होती जा रही है. आज भारतीय संगीत का स्वरूप फटे हुए ढोल की आवाज की तरह होता जा रहा है. शास्त्रीय संगीत के स्रोताओं की संख्या बहुत कम बचे हैं. संगीत सिर्फ धनार्जित करने का साधन बनता जा रहा है.
बिहार सरकार भी संगीत विषय को प्राइमरी स्कूल से हाइस्कूल तक के सिलेबस में अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है और न ही इस पर ध्यान दिया जा रहा है. मेरे ख्याल से यदि हाइस्कूल तक विद्यार्थियों को संगीत विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया व सिखाया जाये एवं प्रत्येक दिन प्रार्थना व संगीत का कार्यक्रम होता रहे तो शास्त्रीय संगीत का उत्थान हो जायेगा.
चंद्रकांत कुमार, नयाटोल, मंसूरचक (बेगूसराय)

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