दुस्साहसिक घटनाओं पर लगाम लगाये सरकार

मानव और समाज दोनों का अस्तित्व आज खतरे में दिख रहा है, समझ से परे बात होती जा रही है कि कोई कैसे और कब, कहां सुरक्षित रह पायेगा. भागलपुर शहर में इंटर में पढ़ने वाली छात्रा को जबर्दस्ती तीन लोगों ने घर से बाहर ले जाने का दुस्साहस किया और असफल होने पर उस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2019 6:01 AM
मानव और समाज दोनों का अस्तित्व आज खतरे में दिख रहा है, समझ से परे बात होती जा रही है कि कोई कैसे और कब, कहां सुरक्षित रह पायेगा. भागलपुर शहर में इंटर में पढ़ने वाली छात्रा को जबर्दस्ती तीन लोगों ने घर से बाहर ले जाने का दुस्साहस किया और असफल होने पर उस पर तेजाब फेंक दिया. इसमें आखिर उस बच्ची का क्या दोष था. किसी को सुरक्षा पहुंचाना आखिर किसकी जिम्मेदारी है.
सरकार या शासन-प्रशासन का कौन-सा रूप है कि मुल्क में मानवता शर्मसार हो रहा है. ऐसे दुस्साहसिक कार्यों से बचने का उपाय हमारा सभ्य समाज और कुशल शासन-प्रशासन करने में असमर्थ क्यों है? क्या मानव समाज पुनः आदिम समाज से भी बर्बर समाज की ओर प्रवेश करने जा रहा है, जहां सुरक्षित मानव समाज के अस्तित्व की कोई गारंटी नहीं है.
मिथिलेश कुमार, बलुआचक (भागलपुर)

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