मैं निकला गड्डी लेके…

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार puranika@gmail.com गायक दलेर मेहंदी हाल में एक राजनीतिक दल में शामिल हुए हैं. दलेर मेहंदी का एक हिट गीत है- साडे नाल रहोगे तो ऐश करोगे, जिंदगी के सारे मजे कैश करोगे. यह गीत नहीं, राजनीतिक दर्शन है. कायदे के ठिकाने पकड़ लो, तो ऐश करोगे. जिंदगी के सारे मजे कैश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2019 6:45 AM
आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
puranika@gmail.com
गायक दलेर मेहंदी हाल में एक राजनीतिक दल में शामिल हुए हैं. दलेर मेहंदी का एक हिट गीत है- साडे नाल रहोगे तो ऐश करोगे, जिंदगी के सारे मजे कैश करोगे.
यह गीत नहीं, राजनीतिक दर्शन है. कायदे के ठिकाने पकड़ लो, तो ऐश करोगे. जिंदगी के सारे मजे कैश करोगे. इधर से उधर जाने किधर-किधर होते हुए यहां आ गया है, वह कह रहा है कि कल रात को बारह बजे तक जिस पार्टी में वह खुद था, वह पार्टी राष्ट्र-विरोधी थी. कल बारह बजे जैसे ही उसने राष्ट्र-विरोधी पद से इस्तीफा से दिया, वह राष्ट्रीय भलाई का सबसे प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हो गया है.
रंगीला फिल्म समेत बहुत फिल्मों की हिट हीरोइन उर्मिला मातोंडकर का एक हिट गीत है- हो जा रंगीला रे.
यह भी अपने आप में राजनीतिक दर्शन है. रंगीनी में कोई कमी नहीं आनी चाहिए. उस पार्टी में रहिए या इस पार्टी में रहिए- हो जा रंगीला रे.
एक और गीत है- दिल टोटे टोटे हो गया. यह गीत गानेवाले भी एक पार्टी में शामिल हो गये. दिल टोटे हो गये हैं, पर कह यही रहे हैं कि राष्ट्र सेवा करनी है.
पहले राष्ट्र-सेवा में सबसे बड़ी अड़चन यह थी कि उस सरकार ने हमें मंत्री नहीं बनाया गया. सेवा तो मंत्री बिना बने नहीं हो सकती. इस मुल्क में राष्ट्र-सेवा क्यों न हो पा रही है, क्योंकि हर बंदे को मंत्री नहीं बनाया जा सकता.
हैंड पंप उखाड़ टाइप राष्ट्रीय सेवा करनेवाले सन्नी देओल भी एक पार्टी में शामिल हो गये हैं. उनका एक हिट गीत है- मैं निकला गड्डी लेके… वैसे पाॅलिटिक्स में आनेवाले लोग नोटों की गड्डी के लेन-देन में पड़ते रहते हैं.
किसी से गड्डी लेकर निकल जाते हैं, किसी को गड्डी देकर निकल जाते हैं. पर सन्नी का गड्डी से आशय गाड़ी से है, वे गाड़ी लेकर निकले और उन्हें पता लगा कि वह राष्ट्र-सेवा के लिए सांसद बनने के लिए उम्मीदवार हो गये हैं.
एक वक्त की सुपर हिट स्टार हेमा मालिनी कई खेतों में फसल काटती दिखीं. लगा जैसे गा रही हों- जब तक हैं वोट, मैं यहां वहां फसल काटूंगी. शोले फिल्म का गीत याद आ गया-जब तक है जान, जाने जहां मैं नाचूंगी…
गोविंदा भी प्रचार में उतर रहे हैं. वे एक वक्त में खुद भी नेता थे, अब दूसरों का प्रचार करते हैं और तमाम टीवी चैनलों पर देर रात के इश्तिहारों में किसी यंत्र के बारे में बताते हैं, जिससे काम धंधे में बढ़ोतरी होती है. गोविंदा को चुनावों में रोजगार मिल गया है प्रचार का. चुनाव प्रचार में हो सकता है कि गोविंदा अपना हिट गीत पेश भी करें, चुनावी प्रचार सभाओं में- बड़े मियां बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह. यह गीत भी अपने आप में राजनीतिक बयान है, वंशवादी राजनीति पर.
बड़े मियां के छोटे मियां, छोटे मियां के भी छोटे मियां, कई पीढ़ियों तक वही कुनबा चला आ रहा है. सुभान अल्लाह! आइए, तमाम राष्ट्र-सेवियों के हिट नृत्य-गीत देखें और सुनें.
मैं निकला गड्डी लेकर… हो जा रंगीला रे…

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