स्कूलों में मौलिक अधिकार उपलब्ध कराये सरकार
दुर्भाग्य कि बात है 21वीं सदी में भी बिहार की साक्षरता दर 61.8 प्रतिशत है. शिक्षा का अधिकार छह से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों का मौलिक अधिकार है. इस प्रकार कानून देश के बच्चों को मजबूत, साक्षर और अधिकार संपन्न बनाने का मार्ग तैयार करता है, जबकि वर्तमान समय में केवल बिहार में […]
दुर्भाग्य कि बात है 21वीं सदी में भी बिहार की साक्षरता दर 61.8 प्रतिशत है. शिक्षा का अधिकार छह से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों का मौलिक अधिकार है.
इस प्रकार कानून देश के बच्चों को मजबूत, साक्षर और अधिकार संपन्न बनाने का मार्ग तैयार करता है, जबकि वर्तमान समय में केवल बिहार में 203934 (आरटीआइ के उत्तर के अनुसार) शिक्षकों के पद रिक्त हैं. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
कहीं विद्यालय का अपना भवन नहीं है, तो कहीं शौचालय की समस्या है, तो कहीं पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा कई विद्यालयों में खेल का मैदान भी नहीं है. बिहार सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि बच्चों को उनका मौलिक अधिकार प्राप्त हो सके.
राहुल कुमार, जनकपुर (गया)