चुनाव सभा में अमर्यादित भाषा पर लगे रोक
इस बार के चुनाव में सभी पार्टी के लोगों ने अमर्यादित भाषा के उपयोग का रिकॉर्ड बना दिया है, जिस पर मुख्य चुनाव आयोग को कठोर संज्ञान लेने की जरूरत है. चुनाव अपने उद्देश्य से भटक कर ‘मेरी कमीज तेरी कमीज से सफेद’ वाली मुहावरे को चरितार्थ करता नजर आता है. विकास का मुद्दा गौण […]
इस बार के चुनाव में सभी पार्टी के लोगों ने अमर्यादित भाषा के उपयोग का रिकॉर्ड बना दिया है, जिस पर मुख्य चुनाव आयोग को कठोर संज्ञान लेने की जरूरत है. चुनाव अपने उद्देश्य से भटक कर ‘मेरी कमीज तेरी कमीज से सफेद’ वाली मुहावरे को चरितार्थ करता नजर आता है.
विकास का मुद्दा गौण है. जनता हतोत्साह एवं परेशान है. अमर्यादित भाषा के खेल में भारतीय जनतंत्र का आये दिन धज्जी उड़ता दिख रहा है. कोई अपनी उपलब्धि भुना रहा है, तो कोई अपने सुनहरे अतीत की दुहाई दे रहा है. जनता मूक एवं किंकर्तव्यविमूढ़ है.
चुनाव आयोग को चाहिए कि वह अमर्यादित भाषा का उपयोग एवं जनता को गुमराह करने वाले भाषाई घालमेल से सभी पार्टी को दूर रहने का एक सख्त नियम बनाये एवं इस को तोड़ने वाले दल या नेता को चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाये.
डॉ हरि गोविंद प्रसाद, बेगूसराय