जननी ही नहीं, बेहतर टीचर भी होती है मां
सोशल नेटवर्किंग के जमाने में लोगों से किस प्रकार बात करना है, इसकी सीख मुझे मेरी मां ही देती है. इस आधुनिक युग में जब भी मां को सम्मान मिलता है, तो मेरा भी स्टेटस मां के प्रति अपडेट हो जाता है. रेसिपी विजेता है मेरी मां. बहुत ही स्वादिष्ट पकवान बनाकर खिलाती है मेरी […]
सोशल नेटवर्किंग के जमाने में लोगों से किस प्रकार बात करना है, इसकी सीख मुझे मेरी मां ही देती है. इस आधुनिक युग में जब भी मां को सम्मान मिलता है, तो मेरा भी स्टेटस मां के प्रति अपडेट हो जाता है. रेसिपी विजेता है मेरी मां.
बहुत ही स्वादिष्ट पकवान बनाकर खिलाती है मेरी मां. मेरे बचपन से लेकर आजतक मां ही मेरी टीचर है. मुझे नाज है अपनी मां पर. मां ही मेरे लिए सबकुछ है. जब भी कोई उलझन में पडता हूं तो उसका हल मेरी मां ही देती है. मेरी मंजिल की राह मेरी मां ही दिखलाती है.
मेरी मां की सबसे खास बात यह है कि वह रोज सुबह में उठ कर मुझे योग करना सिखाती है. मेरी मां मुझे बहुत कुछ सिखाती है. जन्म देने से लेकर एक अच्छा इंसान बनाने के लिए मेरी मां हर कष्ट को झेलते हुए भी मेरे लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बनी रहती है. मां तुझे सलाम.
प्रिंस कुमार गुप्ता, बगौरा, पुरानी बाजार (दरौंदा)