नाबालिग का बाइक चलाना कानूनी अपराध

लगभग हर दिन अखबारों में सड़क दुर्घटना की खबर जरूर होती है. अधिकतर हादसों के शिकार 14 से 22 वर्ष की आयु वर्ग के अपरिपक्व युवा होते हैं. 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक रूप से निर्णय लेने में अपरिपक्व तथा किशोरावस्था के अनियंत्रित जोश में खुद तो हादसों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2019 2:00 AM
लगभग हर दिन अखबारों में सड़क दुर्घटना की खबर जरूर होती है. अधिकतर हादसों के शिकार 14 से 22 वर्ष की आयु वर्ग के अपरिपक्व युवा होते हैं. 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक रूप से निर्णय लेने में अपरिपक्व तथा किशोरावस्था के अनियंत्रित जोश में खुद तो हादसों के शिकार होते हैं, दूसरों का भी जीवन खतरे में डाल देते हैं.
जब 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस कानूनी रूप से नहीं बनता, तो फिर सड़कों पर 18 वर्ष से कम उम्र के स्कूली एवं कॉलेज के बच्चों के बाइक चलाने की छूट क्यों? प्रशासन ऐसे लोगों की ड्राइविंग लाइसेंस की नियमित चेकिंग कर जुर्माना करे, बाइक को जब्त करे और माता-पिता और अभिभावकों को जागरूक करे, तभी सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है.
देवेश कुमार ‘देव’, गिरिडीह

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