विकासवाद व राष्ट्रवाद की सफलता
वर्तमान लोकसभा चुनाव परिणामों का ईमानदारी से आकलन करें, तो एक ओर जहां जनता ने प्रधानमंत्री के विकासवाद, हिंदुत्व एवं राष्ट्रवाद की मिश्रित करिश्माई छवि पर दिल से भरोसा किया है, वहीं परिवारवादी पार्टियों का सफाया इस बात को दर्शाता है कि जनता ने वंशवाद को नकार दिया है. इसके साथ ही सभी जातिगत समीकरण […]
वर्तमान लोकसभा चुनाव परिणामों का ईमानदारी से आकलन करें, तो एक ओर जहां जनता ने प्रधानमंत्री के विकासवाद, हिंदुत्व एवं राष्ट्रवाद की मिश्रित करिश्माई छवि पर दिल से भरोसा किया है, वहीं परिवारवादी पार्टियों का सफाया इस बात को दर्शाता है कि जनता ने वंशवाद को नकार दिया है.
इसके साथ ही सभी जातिगत समीकरण ध्वस्त हो गये हैं, जो यह संदेश देता है कि अब सिर्फ जाति वाली राजनीतिक दुकान नहीं चलने वाली है.
विपक्षी दलों की भूमिका नकारात्मक रही, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना ही पड़ा. सभी विपक्षी पार्टियों को अपनी भूमिका पर आत्ममंथन करना होगा और अगर भविष्य में केंद्र की राजनीति में ये वापसी चाहती हैं, तो उन सभी को सकारात्मक भूमिका में आना होगा.
ऋषिकेश दुबे, बरिगावां, पलामू