मंत्रालय की कार्यशैली पर सवाल
क्या सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को चाहने वाले जर्मन महिला फ्रेडरिक एरिना ब्रूनिंग को टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य कहेंगे? एरिना को भी अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने पर विचार करना पड़ा. उनके इस विचार के पीछे जो कारण हैं, वह बिल्कुल जायज हैं. केंद्र सरकार ने ही गौ-धन की सेवा करने के लिए उन्हें इस पद्म सम्मान से […]
क्या सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को चाहने वाले जर्मन महिला फ्रेडरिक एरिना ब्रूनिंग को टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य कहेंगे? एरिना को भी अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने पर विचार करना पड़ा. उनके इस विचार के पीछे जो कारण हैं, वह बिल्कुल जायज हैं. केंद्र सरकार ने ही गौ-धन की सेवा करने के लिए उन्हें इस पद्म सम्मान से सम्मानित किया था.
वह अपना देश त्याग कर पिछले 25 वर्षों से मथुरा में गायों के लिए आश्रम चला रही हैं. उन्होंने अपना घर- परिवार इस नेक काम के लिए छोड़ दिया. सबसे बड़ी बात कि इस सरकार के लिए ‘गाय’ एक संवेदनशील विषय है.
इसी के नाम पर पूरी राजनीति की जा रही है. फिर भी इनके वीजा अवधि बढ़ाये जाने की मांग विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दी थी. हालांकि सुषमा स्वराज जी ने हस्तक्षेप कर उनकी वीजा अवधि बढ़ा दी है, पर इस प्रकरण ने मंत्रालयों की कार्यशैली पर एक बहस छेड़ दी है.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर