एसिड अटैक पर भी बने कड़ा कानून
एसिड अटैक की शिकार भागलपुर की मासूम-सी लड़की काजल अंततः जिंदगी की जंग हार गयी, पर शासन और समाज के समक्ष सवाल छोड़ गयी. और कितनी काजल जलेगी एसिड से? क्या वक्त नहीं आ गया कि निर्भया कांड के बाद जिस तरह से देश में बलात्कार के विरुद्ध जन संघर्ष छिड़ा और सरकार ने संविधान […]
एसिड अटैक की शिकार भागलपुर की मासूम-सी लड़की काजल अंततः जिंदगी की जंग हार गयी, पर शासन और समाज के समक्ष सवाल छोड़ गयी. और कितनी काजल जलेगी एसिड से? क्या वक्त नहीं आ गया कि निर्भया कांड के बाद जिस तरह से देश में बलात्कार के विरुद्ध जन संघर्ष छिड़ा और सरकार ने संविधान में आवश्यक संशोधन करते हुए कुछ मजबूत निर्णय लिए,
न्यायालय ने भी उचित संज्ञान लिया, उसी प्रकार अब एसिड अटैक को भी क्रूरतम अपराध की श्रेणी में ला दोषियों को आजीवन कारावास अथवा सजा-ए-मौत दी जाए? बलात्कार की तरह एसिड अटैक के केस में भी हमला सिर्फ लड़कियों के शरीर पर नहीं, बल्कि उनकी आत्मा और उनके वजूद पर होता है.
यह हत्या से बड़ा संगीन अपराध है, क्योंकि हत्या में मौत एक बार आती है, जबकि बलात्कार और एसिड हमले की पीड़िता आजीवन हर दिन और हर पल मरती है. घुट-घुट कर जीती है. जिंदगी मौत से भी बदतर लगने लगती है.
सुरजीत झा, गोड्डा