दूसरी पारी से आशाएं

किसी रेखा को बिना मिटाये छोटा दिखाने के लिए उसके बराबर में एक बड़ी रेखा खींचना होती है. ठीक इसी तरह देश की पिछली सभी सरकारों के कार्यों, प्रगति और विकास को छोटा दिखाने के लिए भी वर्तमान मोदी सरकार को अपने कार्यों, विकास और प्रगति की एक लंबी रेखा जरूर खींचनी होगी, जो शायद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2019 2:42 AM

किसी रेखा को बिना मिटाये छोटा दिखाने के लिए उसके बराबर में एक बड़ी रेखा खींचना होती है. ठीक इसी तरह देश की पिछली सभी सरकारों के कार्यों, प्रगति और विकास को छोटा दिखाने के लिए भी वर्तमान मोदी सरकार को अपने कार्यों, विकास और प्रगति की एक लंबी रेखा जरूर खींचनी होगी, जो शायद मोदी सरकार अब चाहती है.

यह इतना आसान कार्य भी नहीं है क्योंकि सिर्फ कहने, चाहने और करने में बड़ा अंतर होता है. यदि सही शक्ति, लगन और इच्छाशक्ति हो, तो असंभव कुछ भी नहीं है. नेपोलियन के अनुसार भी असंभव शब्द तो सिर्फ मूर्खों के शब्दकोष में ही मिलता है. यदि किसी में दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो कुछ भी हो सकता है.

आज राष्ट्रीय विकास और प्रगति के कार्य असंभव भी नहीं हैं, बशर्ते उन्हें पूरी निष्ठा, ईमानदारी सच्चाई, लगन और बिना किसी पक्षपात के साथ इन्हें पूरा किया जाये. मोदी सरकार की दूसरी पारी से कुछ ऐसी ही आशाएं और अपेक्षाएं जनता को है.

वेद मामूरपुर, नरेला

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