नये वित्त मंत्री की राह कांटों भरी

नव नियुक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सर मुड़ाते ओले पड़ने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. सर्व प्रथम जीडीपी के लिए बुरी खबर है. वर्ष 2018-19 के अंतिम तिमाही में यह घट कर 5.8 प्रतिशत रह गया है. पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सबसे कम विकास दर है. साल 2017 के अंत में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2019 5:43 AM

नव नियुक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सर मुड़ाते ओले पड़ने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. सर्व प्रथम जीडीपी के लिए बुरी खबर है. वर्ष 2018-19 के अंतिम तिमाही में यह घट कर 5.8 प्रतिशत रह गया है. पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सबसे कम विकास दर है. साल 2017 के अंत में जब फ्रांस को सातवें स्थान में ढकेलते हुए हम विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने थे, तब यही लग रहा था कि विकास दर शीघ्र ही दोहरे अंक को छू लेगी, मगर इसकी संभावना नहीं दिखती.

कृषि, वानिकी और मछली पालन के क्षेत्र में वृद्धि दर महज 2.9 रह गयी है. ऐसे में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी? सरकार भी मानती है कि बेरोजगारी दर चार दशक में सबसे अधिक है. सबसे बुरी खबर यह है कि अमेरिकी प्रशासन ने सामान्यीकृत प्रणाली वरीयता के तहत भारत को दी जा रही व्यापारिक छूट को भी समाप्त करने का एलान कर दिया है.

जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर

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