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रक्त की कमी से बढ़ी परेशानी
गर्मी के दिनों में हर साल कोलकाता में रक्त की कमी हो ही जाती है. समय पर रक्त न मिलने से रोगी की जान भी चली जाती है, लेकिन इससे ब्लड बैंक वालों को कोई लेना-देना नहीं रहता. बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी अस्पतालों की दशा में काफी बदलाव आया है, लेकिन रक्त की […]
गर्मी के दिनों में हर साल कोलकाता में रक्त की कमी हो ही जाती है. समय पर रक्त न मिलने से रोगी की जान भी चली जाती है, लेकिन इससे ब्लड बैंक वालों को कोई लेना-देना नहीं रहता. बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी अस्पतालों की दशा में काफी बदलाव आया है, लेकिन रक्त की कमी और ब्लड बैंक वालों की मनमानी अब भी बड़ी समस्या है. शहर में लगभग हर सप्ताह कहीं-न-कहीं रक्तदान शिविर का आयोजन होता है. बावजूद इसके, पीड़ित को समय पर रक्त न मिलना एक गंभीर समस्या है. ब्लड बैंक को लेकर कई तरह की उलझनें भी हैं.
रक्तदान कार्ड ले जाने पर भी यह कह कर रक्त देने से इंकार कर दिया जाता है कि इस ग्रुप का रक्त नहीं है. ब्लड बैंक वाला सही बोल रहा है या गलत, इसकी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए और ब्लड बैंक में रक्त के स्टॉक को लेकर एक पारदर्शी व्यवस्था लागू करनी चाहिए.
पीयूष जालान, ताराचंद दत्त स्ट्रीट, कोलकाता
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