अपील ज्यादा कारगर है या नीतियां?
हर साल जून के महीने मे पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. बच्चों से लेकर बड़े तक को पर्यावरण को सुरक्षित-संरक्षित रखने के टिप्स जगह-जगह दिये जाते हैं. इन सब के बावजूद स्थिति जस की तस ही रहती है. ऐसा इसलिए क्योंकि हम गांधीजी के युग में नहीं जी रहे जहां सिर्फ लोगों से अपील करें […]
हर साल जून के महीने मे पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. बच्चों से लेकर बड़े तक को पर्यावरण को सुरक्षित-संरक्षित रखने के टिप्स जगह-जगह दिये जाते हैं. इन सब के बावजूद स्थिति जस की तस ही रहती है. ऐसा इसलिए क्योंकि हम गांधीजी के युग में नहीं जी रहे जहां सिर्फ लोगों से अपील करें और वे अपनी आरामतलबी का त्याग करें.
जो चीजें हमारे जीने के लिए जरूरी हैं, उन्हें सरकार को अनिवार्य रूप में करना चाहिए. पॉलिथीन बैग का उदाहरण लें. सभी जानते हैं कि इनका उपयोग कितना खतरनाक है, लेकिन ये इतनी सस्ती है कि एक गरीब सब्जीवला भी इसे मुफ्त देता है. साइबर क्राइम बढ़ रहा है, इंटरनेट पर ज्यादा समय बिता कर लोग अपनी आंखें और समय नष्ट कर रहे हैं और इसका दुरु पयोग भी होता है, फिर भी इंटरनेट सस्ता होता जा रहा है. सोचिए आदतों को बदलने के लिए अपील ज्यादा कारगर हैं या नीतियां!
राजन सिंह, जमशेदपुर