चिंताजनक है ग्लेशियर का पिघलना

ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर के पिघलने की दर तेजी हो रही है. इसकी एक वजह यह भी है कि बड़ी संख्या में भारतीय नवधनाढ्य अपनी बड़ी-बड़ी गाड़ियों से हिमालयी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. शिमला, मसूरी, नैनीताल, अल्मोड़ा आदि में जाम की स्थिति बनती जा रही है. माउंट एवरेस्ट जैसे उच्च शिखर पर इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2019 5:41 AM
ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर के पिघलने की दर तेजी हो रही है. इसकी एक वजह यह भी है कि बड़ी संख्या में भारतीय नवधनाढ्य अपनी बड़ी-बड़ी गाड़ियों से हिमालयी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. शिमला, मसूरी, नैनीताल, अल्मोड़ा आदि में जाम की स्थिति बनती जा रही है.
माउंट एवरेस्ट जैसे उच्च शिखर पर इस साल इतनी भीड़ पहुंची कि वहां जाम की स्थिति पैदा हो गयी और इससे शिखर पर पहुंचने में विलंब होने से कई पर्वतारोहियों के ऑक्सीजन सिलिंडर खाली हो गये और कई पर्वतारोहियों की मृत्यु भी हो गयी. हिमालयी क्षेत्रों में पेट्रोल और डीजल के जलने से उत्पन्न अत्यधिक कार्बनडाइऑक्साइड से भी ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं.
हिमालय के वन्य जीवों के लिए भी चारधाम सड़क चौड़ीकरण योजना अभिशाप साबित हो रही है. इन सब की भरपाई मनुष्य प्रजाति अपनी तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद किसी सूरत में नहीं कर सकती. इसलिए हर स्तर पर चेतने और संयम बरतने की जरूरत है.
निर्मल कुमार शर्मा ,गाजियाबाद

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