बेटियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर हों समाज व सरकार

आज बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है. जिंदगी के हर मोड़ पर वह लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि अगर बेटियां घर से बाहर निकलती हैं तो उनके परिवार वाले उनकी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. रात में कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2019 5:41 AM

आज बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है. जिंदगी के हर मोड़ पर वह लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि अगर बेटियां घर से बाहर निकलती हैं तो उनके परिवार वाले उनकी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. रात में कोई भी घर की महिलाओं या लड़कियों को अकेले बाहर नहीं भेजना चाहता. महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध से मन सशंकित रहता है.

लाख प्रयास के बाद भी दुष्कर्म जैसे मामले नहीं थम रहे हैं. सवाल यह है कि दोषी इन घटनाओं को अंजाम देने के पहले डरते क्यों नहीं? यह हमारे दंड व्यवस्था के लिए एक चुनौती है. इन मामलों में दोषियों को इतनी कड़ी सजा मिलनी चाहिए कि भविष्य में कोई भी अपराधी ऐसा घिनौना कृत्य करने के पहले ही संभल जाये. समाज के लोगों को भी एेसे जघन्य अपराध करनेवालों को बहिष्कृत करना चाहिए.

हैप्पी कुमार, पतौरा (मोतिहारी)

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