स्वास्थ्य ढांचे को बनाएं मजबूत
कई बार किसी बीमारी के मूल कारणों का पता लगाना मुश्किल होता है, किंतु यदि उससे बचाव और उपचार के बेहतर उपाय किये जा सकें तो हालात काबू करने में मदद मिलती है. बिहार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सवालों का चाहे जो जवाब दें, यह सच्चाई है कि मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज […]
कई बार किसी बीमारी के मूल कारणों का पता लगाना मुश्किल होता है, किंतु यदि उससे बचाव और उपचार के बेहतर उपाय किये जा सकें तो हालात काबू करने में मदद मिलती है. बिहार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सवालों का चाहे जो जवाब दें, यह सच्चाई है कि मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं दिखा. ऐसा तब हुआ, जब यह उत्तरी बिहार का प्रमुख मेडिकल कॉलेज है और कई वर्षों से एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मरीजों का गवाह बनता रहा है.
संसाधनों के अभाव का सामना कर रहा यह अस्पताल देश में सरकारी स्वास्थ्य ढांचे की खराब स्थिति को ही बयान करता है. आवश्यक केवल यही नहीं है कि बिहार में बच्चों की मौत का सिलसिला थमे, बल्कि यह भी है कि केंद्र और राज्य सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कमर कसें.
डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर