कॉलेजों की लापरवाही से खतरे में छात्रों का भविष्य

बिहार की उच्च शिक्षा भले ही कागजी आंकड़ों में बेहतर हो, लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है. एक तरफ छात्र रोजगार को लेकर तनाव में रहते हैं, वहीं कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का गैरजिम्मेदाराना रवैया उनके भविष्य से लगातार खिलवाड़ कर रहा है. सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जो कॉलेजों में फैले भ्रष्टाचार को बयां कर रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2019 6:56 AM
बिहार की उच्च शिक्षा भले ही कागजी आंकड़ों में बेहतर हो, लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है. एक तरफ छात्र रोजगार को लेकर तनाव में रहते हैं, वहीं कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का गैरजिम्मेदाराना रवैया उनके भविष्य से लगातार खिलवाड़ कर रहा है. सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जो कॉलेजों में फैले भ्रष्टाचार को बयां कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय और उनके कॉलेजों में भ्रष्टाचार चरम पर है. छात्रों और अभिभावकों से खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है.
बाहर के दूसरे कॉलेजों में एडमिशन से जुड़े कागजात लेने में छात्रों को पढ़ाई से अधिक मशक्कत करनी पड़ती है. यहां क्लर्क से लेकर प्रिंसिपल तक अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं. सरकार व शिक्षा विभाग इस मामले में गंभीर कदम उठाये तथा सबकी जिम्मेदारियों को पालन कराना सुनिश्चित करे.
आदित्य मिश्रा, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)

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