ताकि लगे यौन हिंसा पर लगाम

हमारी संस्कृति में शुरू से ही महिलाओं को सम्माननीय दर्जा मिला हुआ है. इनके बिना परिवार या समाज की कल्पना असंभव है. इनका आदर करना ही हमारा कर्तव्य है और अनादर करना इनसानियत का हनन. लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह कुछ घिनौनी घटनाएं सामने आयी हैं, उनसे इनसानियत शर्मसार हुई है. महिलाओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2014 6:06 AM

हमारी संस्कृति में शुरू से ही महिलाओं को सम्माननीय दर्जा मिला हुआ है. इनके बिना परिवार या समाज की कल्पना असंभव है. इनका आदर करना ही हमारा कर्तव्य है और अनादर करना इनसानियत का हनन. लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह कुछ घिनौनी घटनाएं सामने आयी हैं, उनसे इनसानियत शर्मसार हुई है.

महिलाओं के साथ यौन हिंसा के वारदात बढ़ते जा रहे हैं, इनसे समाज को निजात दिलाने के लिए कठोर कानून की जरूरत है, ताकि ऐसी मानसिकता वालों पर नकेल कसी जा सके. महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करनेवालों को यह बात याद रखनी चाहिए कि अपराधी को एक न एक दिन कानून के आगे घुटने टेकने ही पड़ते हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा. चुप्पी तोड़नी होगी. हिम्मत कीजिये, आपकी मदद को हजारों हाथ उठ खड़े होंगे.

चंद्र प्रकाश मेहता, रांची

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