समेकित विकास की नीति जरूरी
दुनिया के कुल 130 करोड़ गरीबों में से आधे 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं और उनमें भी दस साल से कम उम्र वाले बच्चों की तादाद लगभग एक तिहाई है. क्या इन नये आंकड़ों के आलोक में भारत सरकार अपनी आर्थिक विकास पर आधारित नीतियों की जगह समेकित विकास की नीति लाने […]
दुनिया के कुल 130 करोड़ गरीबों में से आधे 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं और उनमें भी दस साल से कम उम्र वाले बच्चों की तादाद लगभग एक तिहाई है.
क्या इन नये आंकड़ों के आलोक में भारत सरकार अपनी आर्थिक विकास पर आधारित नीतियों की जगह समेकित विकास की नीति लाने की कोशिश करेगी? ऐसा करने का मतलब होगा कि किसी गांव या शहर की गरीब बस्ती में आय बढ़ाने के साथ ही बिजली, पानी, शिक्षा, रसोई गैस, अस्पताल आदि की सुविधा मुहैया कराना.
हैरानी की बात है कि नयी परिभाषा के तहत गरीबी केवल निर्धन, निम्न या निम्न-मध्यम आय वाले देशों में ही नहीं, माध्यम आय वाले देशों में भी बड़ी संख्या में है, यानी 130 करोड़ में 88.6 करोड़ गरीब हैं. यह सरकारों के लिए संदेश है कि आय तो बढ़ाएं, लेकिन इसके बहुआयामी अभाव को भी कम करने के लिए प्रयास करें.
डॉ हेमंत कुमार, भागलपुर