यह हमारा दुर्भाग्य ही तो है!

झारखंड में विधानसभा चुनाव होने को हैं. पिछले साल 13 जुलाई को झामुमो-कांग्रेस-राजद-निर्दलीय गंठबंधन की सरकार ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शपथ ली थी और इसके पहले भी कई बार मंत्रियों के शपथ और मंत्रिमंडल के विस्तार का खेल हो चुका है. इस राज्य की जनता 14 साल से यही देखते आ रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2014 6:08 AM

झारखंड में विधानसभा चुनाव होने को हैं. पिछले साल 13 जुलाई को झामुमो-कांग्रेस-राजद-निर्दलीय गंठबंधन की सरकार ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शपथ ली थी और इसके पहले भी कई बार मंत्रियों के शपथ और मंत्रिमंडल के विस्तार का खेल हो चुका है. इस राज्य की जनता 14 साल से यही देखते आ रही है. लेकिन उसका विकास कब और कैसे होगा, इसकी सुधि किसे है?

यह दुर्भाग्य ही तो है कि झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसके बनने के 14 सालों में कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायी और इसी वजह से यहां तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगाना पड़ा. यहां अब तक बनी हर सरकार अस्थिर, खोखली रही है. अब यहां चुनाव होने को हैं, उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार हम एक स्थिर सरकार देखेंगे, जो सत्ता लोलुप न होकर जनता के विकास की सोचेगी.

सौरभ रॉय, मधुकम, रांची

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