सांस संबंधी रोगों में लगातार हो रही वृद्धि
सांस संबंधी रोग लगातार बढ़ती जा रही है. इसलिए पीपल लगाएं और ऑक्सीजन पाएं. इसके साथ ही विदेशी फूल और पौधे की चमक-दमक में हम स्वदेशी व भारतीय पौधे की उपयोगिता को भूलते जा रहे हैं? हम पीपल आदि अत्यधिक ऑक्सीजन देने वाले बड़े पेड़ की बात छोड़ भी दें, तो भी गमले में लगे […]
सांस संबंधी रोग लगातार बढ़ती जा रही है. इसलिए पीपल लगाएं और ऑक्सीजन पाएं. इसके साथ ही विदेशी फूल और पौधे की चमक-दमक में हम स्वदेशी व भारतीय पौधे की उपयोगिता को भूलते जा रहे हैं?
हम पीपल आदि अत्यधिक ऑक्सीजन देने वाले बड़े पेड़ की बात छोड़ भी दें, तो भी गमले में लगे तुलसी, हरवाकस आदि पौधे खांसी, टीबी रोग को दूर करते हैं.
इसके अलावा कार्बन डाइ ऑक्साइड को भी दूर करते हैं. ठंडे के दिनों में तुलसी के पत्ते की चाय की अलग महत्ता है. गेंदा की पत्तियां, हल्दी आदि घाव भरने में काम आती हैं, जो ऑक्सीजन के अच्छे वाहक भी हैं. प्रदूषण को समाप्त करने में भारतीय ‘बांस’ अपने आप में काफी महत्ता रखता है, वहीं बैंगन के कीड़े को नष्ट करने का काम करता है.
टी मनु, कटिहार