इजरायल के खिलाफ मतदान के निहितार्थ
भारत ने फिलिस्तीन के गाजा पर इजरायली हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच के प्रस्ताव का समर्थन किया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत ने गाजा में लगातार बढ़ती हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इजरायल और हमास के बीच तुरंत युद्ध-विराम होना चाहिए. भारत ने संप्रभु व स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के […]
भारत ने फिलिस्तीन के गाजा पर इजरायली हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच के प्रस्ताव का समर्थन किया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत ने गाजा में लगातार बढ़ती हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इजरायल और हमास के बीच तुरंत युद्ध-विराम होना चाहिए.
भारत ने संप्रभु व स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के प्रति समर्थन को भी दोहराया है. बैठक में परिषद् के 47 सदस्य राष्ट्रों में से 29 ने हमले की जांच का अनुमोदन किया, जबकि इसके विरोध में एकमात्र मत अमेरिका ने दिया. 17 देश मतदान से अलग रहे. यह वैश्विक राजनीति में अमेरिका की कमजोर होती पकड़ का भी संकेत है.
गाजा पर इजरायली हमले में अब तक 732 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं. सतारूढ़ हमास की जवाबी कार्रवाई में 32 इजरायली सैनिक और 2 नागरिक मारे गये हैं तथा एक सैनिक लापता है. संयुक्त राष्ट्र सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय संगठन व प्रमुख देशों के युद्ध-विराम के प्रयासों के बावजूद इजरायली हमले की नृशंसता से दुनिया हैरान है.
इसी बेचैनी का परिणाम है कि मानवाधिकार परिषद् ने अंतरराष्ट्रीय जांच का प्रस्ताव पारित किया है. बैठक से पूर्व परिषद् की प्रमुख नवी पिल्लै ने कहा था कि इजरायल की कार्रवाई युद्ध अपराध सरीखा है. भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार आने के बाद कई विश्लेषकों का अनुमान था कि सरकार फिलिस्तीन के समर्थन की भारत की पारंपरिक नीति में बदलाव करेगी, लेकिन कुछ दिन पहले हुए ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में इजरायल के रवैये की जोरदार निंदा की गयी थी.
संसद में भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि फिलिस्तीन पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. मानवाधिकार परिषद् में अमेरिकी रुख के विरुद्ध मतदान कर भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में वह स्वतंत्र नीति अपनायेगा. पिछले कुछ वर्षो से वैश्विक राजनीति में भारत की अहमियत में लगातार कमी आ रही थी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क और ब्रिक्स देशों के साथ अपने संबंधों को नया आयाम देते हुए यह संकेत दे दिया है कि भारत दुनिया में बड़ी भूमिका के लिए तैयार है. इजरायली हमले के विरुद्ध मतदान उसकी जोरदार अभिव्यक्ति है.