अनुच्छेद 370 को अस्थायी रूप से शामिल किया गया था
आजादी के समय कश्मीर दोनों संप्रभु राष्ट्र भारत और पाकिस्तान से अलग था. लेकिन, जब 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया, तब महाराज हरि सिंह और जवाहर लाल नेहरू के बीच 26 अक्तूबर, 1947 को समझौता हुआ. परंतु, यह समझौता भारत को सिर्फ विदेशी, सैनिक और संचार मामले में अधिकार प्रदान किया. इसके […]
आजादी के समय कश्मीर दोनों संप्रभु राष्ट्र भारत और पाकिस्तान से अलग था. लेकिन, जब 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया, तब महाराज हरि सिंह और जवाहर लाल नेहरू के बीच 26 अक्तूबर, 1947 को समझौता हुआ.
परंतु, यह समझौता भारत को सिर्फ विदेशी, सैनिक और संचार मामले में अधिकार प्रदान किया. इसके एवज में भारत सरकार ने भरोसा दिया कि संसद द्वारा बनाये गये कानून राज्य विधानमंडल की अनुमति के बाद ही राज्य में प्रभाव में आयेगा. इसी के तहत अनुच्छेद 370 संविधान में शामिल किये गये. लेकिन, यह स्पष्ट कर दिया गया कि यह प्रावधान केवल अस्थायी है.
इनमें सब से प्रमुख था 26 अक्तूबर, 2000 को पेश किये गये कश्मीर स्वयातता समिति की सिफारिश, जिसे कश्मीर विधानसभा ने ध्वनि मत से स्वीकृति दे दी, परंतु केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सिफारिश को नामंजूर कर दिया और कहा यह प्रस्ताव राज्य को 1953 से पहले वाली स्थिति में लौटाना चाहता है.
नितिन झा, दरभंगा