पाकिस्तान को चीन का साथ नहीं

जब पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के लौटने के ठीक दो दिन बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन गये तो यह लगने लगा था कि वे कश्मीर मामले में पाक द्वारा लगाये गये आरोपों का सफाई देने गये हैं, जबकि यह यात्रा पूर्वनिर्धारित थी. वहां उन्होंने समग्र संबंधों पर वार्ता की. वहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2019 12:16 AM

जब पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के लौटने के ठीक दो दिन बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन गये तो यह लगने लगा था कि वे कश्मीर मामले में पाक द्वारा लगाये गये आरोपों का सफाई देने गये हैं, जबकि यह यात्रा पूर्वनिर्धारित थी. वहां उन्होंने समग्र संबंधों पर वार्ता की. वहां के उपराष्ट्रपति से मिले. विदेश मंत्री से तो मिले ही. व्यापार और सांस्कृतिक संबंध बढ़ाने पर वार्तालाप हुआ. सीमा विवाद को परे रखते हुए सौहार्द बढ़ाने पर बातें हुई.

वहीं जब पाक प्रधानमंत्री इमरान खान गये, तो वे आपातकालीन यात्रा पर गये, ताकि कुछ आर्थिक मदद मिल सके. कश्मीर की नयी स्थिति पर चीन का समर्थन लेने गये पाक विदेश मंत्री को चीन से यथास्थिति बहाल रखने का सुझाव मिला. चीन को पता है कि पाकिस्तान आज के तिथि में उसके लिए बोझ बनता जा रहा है. जबकि भारत से वो करोड़ों डॉलर कमा रहा है. जाहिर है पाकिस्तान की दाल यहां भी नहीं गलने वाली है.

जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी,जमशेदपुर

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