न्यू-इंडिया का न्यू-खाका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में जो कुछ भी कहा, उसमें न्यू इंडिया का संकल्प नजर आता है. यह संबोधन देश की भावी तस्वीर को बयां करता है, जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ जनजागरूकता, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में प्रगति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2019 1:36 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में जो कुछ भी कहा, उसमें न्यू इंडिया का संकल्प नजर आता है. यह संबोधन देश की भावी तस्वीर को बयां करता है, जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ जनजागरूकता, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में प्रगति के लिए आर्थिक सुधार के साथ ही एक देश-एक चुनाव का संकल्प एक बार फिर से व्यक्त किया और कहा कि उचित विकास व सुशासन के लिए देश इस बदलाव का इंतजार कर रहा है.

वैसे भी लोकतंत्र में बड़ा बहुमत-बड़ी जिम्मेदारी-बड़ी अपेक्षाएं साथ लेकर आता है. अतः सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह जनादेश से जुड़ी तमाम उम्मीदों, आकांक्षाओं और जनता के विश्वासों पर खरा उतरे और राष्ट्रहित में जो भी जरूरी कदम हो, उठाने में जरा भी नहीं झिझके, भले ही वे कदम कितने की कड़े क्यों न हों.

कपिल एम वड़ियार, जोधपुर

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