आरोपों का सामना करें चिदंबरम
देश के इतिहास में संभवतः यह पहली बार हो रहा है कि लगभग नौ वर्षों तक वित्त मंत्री तथा तीन वर्षों से अधिक समय तक गृहमंत्री रहा व्यक्ति कानून के शिकंजे से बचने के लिए गायब हो जाता है. लगभग 24 घंटे तक सीबीआइ को चकमा देने के बाद काफी मशक्कत के बाद रात में […]
देश के इतिहास में संभवतः यह पहली बार हो रहा है कि लगभग नौ वर्षों तक वित्त मंत्री तथा तीन वर्षों से अधिक समय तक गृहमंत्री रहा व्यक्ति कानून के शिकंजे से बचने के लिए गायब हो जाता है.
लगभग 24 घंटे तक सीबीआइ को चकमा देने के बाद काफी मशक्कत के बाद रात में सीबीआइ की टीम ने पी चिदंबरम को हिरासत में लिया है. चिदंबरम का कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. अगर वह निर्दोष हैं, तो उन्हें संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए और उनके द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देने चाहिए.
न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए. अगर यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है, तो फिर उन्हें इससे भागने की बजाय अपने आरोपों का सामना करना चाहिए, जैसा अमित शाह ने 2010 में किया था. भ्रष्टाचार एक ऐसा दीमक है, जो धीरे-धीरे पूरे सिस्टम को खोखला बना देता है. अतः कोई भी हो, चाहे वह मंत्री या आम इंसान हो, कानून के नजर में सब बराबर होंगे, तभी बड़े घोटाले रुक सकेंगे.
कन्हाई, रांची