देश का मस्तक ऊंची करतीं बेटियां
रविवार का दिन ऐसा रहा, जब दो होनहार बेटियों ने देश का स्वाभिमान दुनिया में ऊंचा किया.यह दिन भारतीय खेल के इतिहास में ‘स्वर्णिम दिन ‘ के रूप में सदा के लिए अंकित हो गया, जब आंध्रप्रदेश की 24 वर्षीया, 5 फुट 10 ईंच लंबी, मां-बाप की होनहार बेटी पुसरला वेंकट सिंधू ने बासेल में […]
रविवार का दिन ऐसा रहा, जब दो होनहार बेटियों ने देश का स्वाभिमान दुनिया में ऊंचा किया.यह दिन भारतीय खेल के इतिहास में ‘स्वर्णिम दिन ‘ के रूप में सदा के लिए अंकित हो गया, जब आंध्रप्रदेश की 24 वर्षीया, 5 फुट 10 ईंच लंबी, मां-बाप की होनहार बेटी पुसरला वेंकट सिंधू ने बासेल में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा आयोजित विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में जापान की अपने से उच्चतम रैंक की महिला खिलाड़ी को सीधे सेटों में सिर्फ 38 मिनट चले मैच में 21-7, 21-7 से हराया और भारत की झोली में एक ‘स्वर्ण पदक’ डाला. उन्होंने भारत को विश्व विरादरी में पहली बार ‘महिला स्वर्ण पदक’ जीतने वाला देश के गौरवपूर्ण स्थान पर विराजित करा दिया.
वहीं, जमशेदपुर की 17 वर्षीय बेटी कोमालिका बारी ने जापान की ही उच्च रैंकिंग महिला खिलाड़ी सोनोदा वाका को हरा कर देश के लिए दूसरा स्वर्ण पदक हाासिल किया. पिता ने बेटी के लिए घर बेच कर तीन लाख का आधुनिक तीर-धनुष खरीदा था. देश की इन दो बेटियों पर हम सभी देशवासियों को गर्व है.
निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद