एक बार फिर से दुनिया हिंदुस्तान के हुनर के सामने नतमस्तक हो रही है. यह कारनामा करने वाली हमारी बेटी और कोई नहीं, सब की चहेती खिलाड़ी पीवी सिंधु हैं. सिंधु को विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने वाली देश की पहली भारतीय खिलाडी बनने का गौरव प्राप्त हुआ.
देश को गर्व है पीवी सिंधु पर
एक बार फिर से दुनिया हिंदुस्तान के हुनर के सामने नतमस्तक हो रही है. यह कारनामा करने वाली हमारी बेटी और कोई नहीं, सब की चहेती खिलाड़ी पीवी सिंधु हैं. सिंधु को विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने वाली देश की पहली भारतीय खिलाडी बनने का गौरव प्राप्त हुआ. सिंधु ने एक बार […]
सिंधु ने एक बार फिर से देश के सामने चुनौती रख दी है कि किसी भी खेल में हुनर की कमी नहीं. बस, जरूरत है उनको पहचानने और निखारने की. 24 वर्षीया इस खिलाड़ी ने विरोधी को बड़ी आसानी से घुटने टेकने पर मजबूर किया, तो दुनिया कह उठी शाबाश सिंधु!
बैडमिंटन के आकाश पर चमकते इस सितारे पर देश को गर्व क्यों न हो. कड़ी मेहनत और लगन से ही सिंधु ने यह ऊंचाई पायी है. अपनी जीत को अपनी मां को समर्पित कर सिंधु ने नयी पीढ़ी के लिए एक मिसाल कायम की है. देश को इस होनहार खिलाडी से बार-बार ऐसी जीत की उम्मीद रहेगी.
एमके मिश्रा, रातू, रांची
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