कर्तव्यों से मुंह न मोड़ें

हाल ही में हुई मलयेशियाई विमान दुर्घटना के लिए यूक्रेन और रूस एक-दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. लेकिन जिसने भी यह जघन्य और घिनौनी हरकत की है, उसे जल्द न्याय के कठघरे में लाना चाहिए. इस दुर्घटना में 300 निदरेष व्यक्तियों की मौत हो गयी, इससे पहले भी मलयेशिया का एक विमान लापता हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2014 5:45 AM

हाल ही में हुई मलयेशियाई विमान दुर्घटना के लिए यूक्रेन और रूस एक-दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. लेकिन जिसने भी यह जघन्य और घिनौनी हरकत की है, उसे जल्द न्याय के कठघरे में लाना चाहिए.

इस दुर्घटना में 300 निदरेष व्यक्तियों की मौत हो गयी, इससे पहले भी मलयेशिया का एक विमान लापता हो गया था, जिसका पता अब तक नहीं चल पाया है. इस दुखद घड़ी में भारत को मलयेशिया का साथ देना चाहिए. निदरेष लोगों की निर्मम हत्या करने का किसी को अधिकार नहीं है, विशेष तौर पर उन ताकतों को, जो अपने आप को मानवाधिकारों की सुरक्षा का पहरेदार मानते हैं.

नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा क्षेत्रीय एवं वैश्विक नेताओं का कर्तव्य है, जिसे वे शायद नहीं निभा रहे या फिर इन भयावह संघर्षो को मौन बढ़ावा दे रहे हैं. विश्व की बड़ी ताकतों को मिल-बैठ कर जितनी जल्दी हो सके, समाधान निकालना चाहिए.
देवकी सिंह, रामगढ़

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