कुलपति के साथ असभ्यता निंदनीय
पिछले दिनों विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ एक छात्र संगठन की ओर से की गयी असभ्य हरकत का समाचार मिला. मन आहत हुआ. इस असभ्यता को किसी भी तरह से स्वीकारा नहीं जा सकता. हम सभी को इस घटना की निंदा करनी चाहिए. देश में बढ़ती हुई असहनशीलता और मतभेदों को एक अलग […]
पिछले दिनों विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ एक छात्र संगठन की ओर से की गयी असभ्य हरकत का समाचार मिला. मन आहत हुआ. इस असभ्यता को किसी भी तरह से स्वीकारा नहीं जा सकता.
हम सभी को इस घटना की निंदा करनी चाहिए. देश में बढ़ती हुई असहनशीलता और मतभेदों को एक अलग रूप देने का प्रचलन इस तेजी से फैल गया है कि समझदार व्यक्ति घुटन महसूस करने लगा है. मुझे नहीं मालूम कि विरोध का कारण क्या था, लेकिन इतना सवाल जरूर पूछना है कि कौन हैं ये लोग जो आज हमारे देश के माहौल को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं. कौन हैं ये लोग जो एक शिक्षक का सम्मान करना नहीं जानते और उनके साथ गलत हरकत करते हैं.
समाज से भी सवाल है कि क्यों इस गुंडागर्दी को बर्दाश्त करता है या उनसे डरता है. ऐसी क्या कमी है कि समाज के ऐसे तत्व आगे चलकर मंत्री के पद पर पहुंचते हैं और हम उनसे सवाल नहीं पूछ पाते.
फरहान संबुल, डोरंडा, रांची