भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करे सरकार

भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर उसे उचित सम्मान दिया जाना चाहिए. भोजपुरी बोलने वालों की संख्या लगभग 25 करोड़ है. देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राहुल सांकृत्यायन समेत कई राजनेताओं की यह भाषा रही है. फिर भी इसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है, आखिर क्यों? यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2019 7:50 AM
भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर उसे उचित सम्मान दिया जाना चाहिए. भोजपुरी बोलने वालों की संख्या लगभग 25 करोड़ है. देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राहुल सांकृत्यायन समेत कई राजनेताओं की यह भाषा रही है.
फिर भी इसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है, आखिर क्यों? यह करोड़ों लोगो की भाषा तो है ही इसका लोक साहित्य भी काफी समृद्ध है. ऐसा नहीं है कि इसे आठवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर संवाद नहीं हुआ. मगर ओछी राजनीति ने इसकी राह में रोड़ा पैदा की है.
संसद के बीते सत्र में ही रवि किशन जी ने इसके लिए निजी बिल तो लाया था, परंतु वह सिर्फ निजी बनकर रह गया. उस बिल में सरकार को रुचि नहीं दिख रही है. अब यह आवश्यक है कि इस भाषा को उचित सम्मान मिले और सरकार भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करे.
अनु मिश्रा, बसंतपुर (सीवान)

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