नये भारत के जननायक
भूपेंद्र यादव महासचिव, भाजपा bhupenderyadav69@gmail.com गत सात सितंबर की रात 1:40 बजे देश की नजरें मिशन चंद्रयान पर टिकी थीं. मिशन के अंतिम कुछ मिनटों में ऐसी परिस्थिति पैदा हुई, जब लोगों की सांसें अटक सी गयीं. कुछ पलों के लिए ऐसा वातावरण बना, जिसमें निराशा के भाव उभरते नजर आने लगे थे. उस समय […]
भूपेंद्र यादव
महासचिव, भाजपा
bhupenderyadav69@gmail.com
गत सात सितंबर की रात 1:40 बजे देश की नजरें मिशन चंद्रयान पर टिकी थीं. मिशन के अंतिम कुछ मिनटों में ऐसी परिस्थिति पैदा हुई, जब लोगों की सांसें अटक सी गयीं. कुछ पलों के लिए ऐसा वातावरण बना, जिसमें निराशा के भाव उभरते नजर आने लगे थे.
उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद थे. रात के करीब दो बजे जब चंद्रयान से लैंडर विक्रम का संपर्क टूटने की बात सामने आयी, उस समय इसरो के वैज्ञानिकों के साथ अनौपचारिक बातचीत में प्रधानमंत्री ने जो कहा, ‘उसकी अपेक्षा एक कुशल नेतृत्वकर्ता से ही की जा सकती थी.
उन्होंने कहा, ‘जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. आप लोगों ने जो किया है, वह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. देश आप पर गर्व करता है. आपकी मेहनत ने बहुत कुछ सिखाया है.’ प्रधानमंत्री मोदी का यह वाक्य उन कठिन क्षणों में परिश्रमी वैज्ञानिकों सहित देश के करोड़ों नागरिकों को हौसला और भरोसा देनेवाला था.
किसी भी देश अथवा समाज में जननायक वह होता है, जो समाज की अपेक्षाओं को पूरा करने का न सिर्फ हौसला देता है, बल्कि अपनी कारगर रणनीति से विषम परिस्थितियों में भी लोगों में भरोसे का भाव जागृत कर उन परिस्थितियों से उबरने की क्षमता पैदा करता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कार्यकाल में इसी नीति को ईमानदारी से जनता के बीच रखते हुए निडर होकर फैसले लिये. तात्कालिक परिणाम और अस्थायी समाधान के दिखावटी व आधे-अधूरे प्रयासों की बजाय उन्होंने स्थायी समाधान तलाशने की नीति को आगे बढ़ाया. प्रधानमंत्री के पिछले कार्यकाल के अनवरत प्रयासों पर जनता के भरोसे का प्रतिफल ही 2019 का जनादेश है.
आज जब देश इस भरोसे के साथ अपनी सरकार और अपने नेतृत्व के साथ खड़ा होकर कह रहा है कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’, तो इसके मायने व्यापक हैं.
इसमें संदेह नहीं कि भारतीय राजनीति के लिए वर्तमान कालखंड विश्वास और स्वाभिमान से ओत-प्रोत है. यह सच है कि प्रत्येक समाज में लोगों की कुछ व्यक्तिगत आकांक्षाएं होती हैं, किंतु इसके समानांतर वही समाज एक सक्षम व सबल नेतृत्व की आवश्यकता भी महसूस करता है. बेशक राजनीति सबकी रुचि का क्षेत्र नहीं होती, लेकिन किसी न किसी रूप में सबका जीवन इससे प्रभावित होता है. यही कारण है कि राजनीति अथवा राजनेताओं से हर व्यक्ति कुछ न कुछ अपेक्षाएं जरूर रखता है. प्रधानमंत्री मोदी ने जनता की अपेक्षाओं को संकुचित सीमा में बांधने की बजाय उन्हें पूर्ण क्षमता तक उड़ान के अवसर में तब्दील किया है.
एक कदम आगे बढ़ कर उन्होंने न सिर्फ अपेक्षाओं को विस्तार दिया है, बल्कि लोगों में आत्मविश्वास भी जगाया है. भारत जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र में शासन में रहते हुए, जनाकांक्षाओं को समेटे हुए तथा सबके विश्वास के साथ आगे बढ़ते हुए जननायक हो पाना सरल नहीं है, क्योंकि यहां शासन से इतर ही जननायक अधिक रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली का सबसे बड़ा पक्ष सकारात्मक दृष्टिकोण है. मुझे स्मरण है कि गुजरात में सद्भावना मिशन के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री के नाते मुझे शामिल होने का अवसर मिला था.
वह दौर उनके खिलाफ तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा रचे गये षड्यंत्रों का दौर था. सद्भावना मिशन के दौरान उपवास पर रहते हुए उन्होंने कहा था, ‘जो पत्थर हम लोगों पर फेंके गये, उनका इस्तेमाल हम लोगों ने सीढ़ी बनाने में किया.’ वर्ष 2014 में जब वे पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने तब उनका यह कहना, ‘मेरी सरकार गरीब कल्याण को समर्पित है,’ उन्हें सकारात्मकता के साथ जनहित में कुछ कर गुजरने वाले विराट छवि के जननेता के रूप स्थापित करता है. उनके व्यक्तित्व में युगानुकूलता भी है और परंपरा की गहरी समझ भी. आज का दौर प्रधानमंत्री आवास से केदारनाथ की गुफा तक उनके अद्भुत व्यक्तित्व का साक्षी है.
देश में हो रहे बहुमुखी बदलावों के क्रम में भारतीय लोकतंत्र में भी बदलाव हो रहे हैं. वर्ष 2019 के चुनावों ने भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता पर मुहर लगायी है.
वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण की राजनीति को नकारते हुए देश ने राजनीति की धारा को एक सकारात्मक दिशा में मोड़ने में सफलता हासिल की है. चूंकि, एक परिपक्व संसदीय लोकतंत्र में राजनीतिक दलों को भी सर्वस्वीकृत और सक्षम नेतृत्व चाहिए. चाहे परिवार हो, संस्था हो, समूह हो, सबकी मजबूती नेतृत्व की स्वीकार्यता और विश्ववसनीयता पर टिकी होती है.
आज भाजपा ने देश को वैसा ही जननायक नरेंद्र मोदी के रूप में दिया है, जो सकारात्मक परिवर्तन और विकास का प्रतिनिधि चेहरा बन चुका है. भारतीय लोकतंत्र में एक पार्टी के प्रभुत्व को हटाने का कार्य अगर भाजपा सफलतापूर्वक कर सकी, तो इसका कारण यही है कि इसके शीर्ष नेतृत्व ने अपने कार्यों से जनता में लोकप्रियता हासिल की.
यह स्वीकार करने में किसी को संदेह नहीं होना चाहिए कि ‘कोई नृप होऊ, हमे का हानि’ कहने वाला समाज, शासन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है. वह सरकार के साथ इस विश्वास के साथ खड़ा है कि उसकी चुनी सरकार जनभागीदारी की सरकार है. आज भारत को जनभागीदारी से सरकार चलानेवाला एक संवाद-प्रिय जननेता मिला है.
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ में देश अपने मन में उमड़ने वाली आशाओं को तलाशता और पाता है. देशवासियों को यह भरोसा है कि उनका नेतृत्वकर्ता परंपरा और आस्था के प्रतीकों की गहरी समझ रखने के साथ-साथ भारतीयता के मूल्यों को जीने वाला भी है. प्रधानमंत्री मोदी आम भारतीय के पुरुषार्थ और ईमानदारी को भरपूर सम्मान देते हैं और उसे आगे बढ़ने का उत्साह भी देते हैं. देश के मानस में उनके प्रति अटूट विश्वास के पीछे यह बड़ी वजह है.
समन्वय का संकल्प और सबको साथ लेकर चलने की मंशा मोदी सरकार के पिछले और वर्तमान कार्यकाल में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. पूर्ण बहुमत से चुने जाने के बावजूद सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने की नीति ने देश के अनेक राजनीतिक दलों के बीच प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसे को मजबूत किया है.
स्वच्छता, पर्यावरण और जलशक्ति जैसे विषयों को प्रधानमंत्री मोदी ने करीब से छूने और शासन की प्राथमिकताओं का हिस्सा बनाने की सराहनीय पहल की. उन्होंने मानवीय संवेदनाओं को करीब से छूने का भी प्रयास किया है. इसलिए वे कारीगरों, दुकानदारों को सहयोग करने का आग्रह करते हैं.
अगर गांधी की स्वदेशी धारणा का उल्लेख करें, तो वह सैद्धांतिक धारणाओं की बजाय स्थानीय प्रेम और सहयोग को ज्यादा जरूरी मानती है. इन पहलों में देश एकजुट होकर अपनी सरकार के साथ खड़ा है. अनुच्छेद-370 जैसे विषय पर इतने दलों का सहयोग लेकर इसे समाप्त करना, ऐतिहासिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी राजनीतिक उपलब्धि है.
प्रधानमंत्री मोदी तेजी से आगे बढ़ते नये भारत के नायक हैं. भारत को राजनीतिक क्षेत्र से बहुत अरसे बाद ऐसा जननायक मिला है, जिसने नैतिकता के नये आदर्शों को स्थापित किया है. भारत की राजनीति में यह दुर्लभ कालखंड है, जब सरकार और जनता एकजुट होकर देश के विकास को गति देने का काम कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास के नये आयामों को छुयेगा, इस विश्वास के साथ देश नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़ चला है.