गांधी-शास्त्री की प्रासंगिकता

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार ने पर्यावरण और स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का संकल्प लिया है, लेकिन इसे चरितार्थ करने के लिए हम सभी भारतवासी को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी. शुरुआत पॉलिथीन की जगह कपड़े के थैले का उपयोग शुरू करके की जा सकती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2019 6:18 AM
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार ने पर्यावरण और स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का संकल्प लिया है, लेकिन इसे चरितार्थ करने के लिए हम सभी भारतवासी को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी.
शुरुआत पॉलिथीन की जगह कपड़े के थैले का उपयोग शुरू करके की जा सकती है. यदि प्रत्येक व्यक्ति ठान ले, तो इस लक्ष्य को हासिल करना कठिन नहीं. इसी दिन गुदड़ी के लाल, देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है, जिनके जय जवान, जय किसान के नारे ने देश की दिशा ही बदल दी थी.
1965 के युद्ध में लाहौर तक भारतीय सेना की धमक की बात हो या फिर अमेरिका के घमंड को तोड़ते हुए गेहूं में निर्भरता हासिल करने का मामला, शास्त्री जी सदैव अजेय रहे. इन महापुरुषों की वजह से ही भारत आज एक राष्ट्र के रूप में मजबूती से खड़ा है.
चंदन कुमार, देवघर

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