निंदक नियरे राखिये !
बिहार से 500 रुपये का टिकट कटा कर दिल्ली में पांच लाख का मुफ्त इलाज कराने वाला बयान कहीं से गलत न भी हो फिर भी राजनीतिक गलियारे में इसकी गूंज है. चूंकि यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कही, बगैर देरी के पानी में डूबते बिहारियों की भावनाएं आहत हो गयीं. सवाल यह है […]
बिहार से 500 रुपये का टिकट कटा कर दिल्ली में पांच लाख का मुफ्त इलाज कराने वाला बयान कहीं से गलत न भी हो फिर भी राजनीतिक गलियारे में इसकी गूंज है. चूंकि यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कही, बगैर देरी के पानी में डूबते बिहारियों की भावनाएं आहत हो गयीं.
सवाल यह है कि वर्षों पुराने बिहार के पास वह सब क्यों नहीं है, जो नयी-नवेली दिल्ली में है. एक बार सोच कर देखें तो सही कि आज तक हम इस काबिल क्यों न हुए कि दिल्ली को चुनौती दें. राजनीतिक उपेक्षाओं ने ही हमें दिल्ली के मुश्किलात में इलाज़ कराने पर मजबूर किया है.
पढ़ाई के लिए, नौकरी के लिए, इलाज के लिए दिल्ली की प्राथमिकता हमें बेचैन क्यों नहीं करतीं? दिल्ली के मुख्यमंत्री के बयान को हम अपने लिए चुनौती क्यों नहीं मानते और कोई रास्ता क्यों नहीं तलाशते? बिहारियों की भावनाएं सियासी ऐश-ओ-आराम के लिए इस्तेमाल हो, कतई मंजूर नहीं.
एमके मिश्रा, रातू, रांची