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शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाएं
झारखंड राज्य के प्लस टू विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य के गिरते परिणाम और विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट आदि चिंताजनक विषय है. यह परिणाम सरकारी विद्यालयों में तुलनात्मक रूप से बहुत ज्यादा है. इसी वजह से आज अधिकांश विद्यार्थी निजी विद्यालयों में जाने को मजबूर हैं. किसी भी राज्य या देश के विकास की […]
झारखंड राज्य के प्लस टू विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य के गिरते परिणाम और विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट आदि चिंताजनक विषय है. यह परिणाम सरकारी विद्यालयों में तुलनात्मक रूप से बहुत ज्यादा है. इसी वजह से आज अधिकांश विद्यार्थी निजी विद्यालयों में जाने को मजबूर हैं.
किसी भी राज्य या देश के विकास की ईमारत सिर्फ बेहतर शिक्षा की नींव पर ही रखी जा सकती है. विगत वर्षों में शिक्षा बजट में कमी, पारा शिक्षकों का लगातार हड़ताल, बदलती शिक्षा नीति जैसे बहुत सारे कारक इस गिरावट के जिम्मेदार है. सही समय में इसके कारणों का पता लगाकर इसका निदान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. साथ ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले सभी दोषियों के साथ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये, ताकि शिक्षा की स्थिति में सुधार आ सके.
राजेंद्र टेटे, हजारीबाग
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