अवकाश की औपचारिकता क्यों

वर्षों की परंपरा रही है कि महात्मा गांधी की जयंती पर कार्यालयों में राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है. आज भी ऐसी ही परंपरा सभी कार्यालयों में देखी जाती है. परंतु पिछले कुछ वर्षों से दो अक्तूबर के दिन सिर्फ सरकारी विद्यालय को खुला रखकर गांधी-जंयती समारोह मनाया जा रहा है़. इसे न्यायसंगत माना जा सकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2019 7:10 AM

वर्षों की परंपरा रही है कि महात्मा गांधी की जयंती पर कार्यालयों में राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है. आज भी ऐसी ही परंपरा सभी कार्यालयों में देखी जाती है. परंतु पिछले कुछ वर्षों से दो अक्तूबर के दिन सिर्फ सरकारी विद्यालय को खुला रखकर गांधी-जंयती समारोह मनाया जा रहा है़.

इसे न्यायसंगत माना जा सकता है. लेकिन, इस वर्ष कई दशकों से चली आ रही परंपरा पर ग्रहण लग गया. हद तो तब हो गयी जब गांधी जयंती के दिन विभाग द्वारा राष्ट्रीय अवकाश की परंपरा को तोड़ते हुए, पूरा दिन विद्यालय खुला रखा गया और साथ ही मध्याह्न भोजन का संचालन भी किया गया. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि गांधी जयंती के बदले विद्यालय को 10 अक्तूबर के दिन बंद रखते हुए अवकाश घोषित किया गया. यह बात बिल्कुल समझ से परे है कि जब राष्ट्रीय अवकाश होना ही नहीं है, तो कथित तौर पर इसकी औपचारिकता क्यों?

माणिक मुखर्जी, कांड्रा, सरायकेला-खरसवां

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