यह विनाशलीला क्यों?

प्रदूषण का अर्थ होता है चीजों को गंदा करना. वर्तमान में हम खतरनाक रूप से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से घिरे हुए हैं और यह समस्या भविष्य में हमारे लिए जानलेवा भी हो सकती है. इस भयंकर और बड़ी समस्या का मुख्य कारण है औद्योगीकरण, वनों की कटाई और शहरीकरण, प्राकृतिक संसाधन को गंदा करनेवाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2019 5:19 AM
प्रदूषण का अर्थ होता है चीजों को गंदा करना. वर्तमान में हम खतरनाक रूप से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से घिरे हुए हैं और यह समस्या भविष्य में हमारे लिए जानलेवा भी हो सकती है.
इस भयंकर और बड़ी समस्या का मुख्य कारण है औद्योगीकरण, वनों की कटाई और शहरीकरण, प्राकृतिक संसाधन को गंदा करनेवाले उत्पाद, जो सामान्य जीवन की दैनिक जरूरतों के रूप में इस्तेमाल की जाती है. आज से सौ साल पहले की बात करें, तो पृथ्वी पूरी तरह से हरी-भरी थी. बिना प्रदूषण के पृथ्वी स्वर्ग-सी प्रतीत होती थी, मगर आज क्या हो रहा है? भोपाल में विधायकों के आवास के लिए ढाई हजार पेड़ काटे जा रहे हैं.
अभी कुछ दिन पहले मुंबई के आरे वन में मेट्रो परियोजना के लिए बीस हजार से अधिक हरे-भरे पेड़ काट दिये गये. इसी तरह कई सड़क निर्माण और कारखानों के लिए हजारों पेड़ों की बलि चढ़ा दी जाती है. जिस अनुपात में पेड़ काटे जा रहे हैं, उस अनुपात में पेड़ लगाये नहीं जाते हैं. आखिर विकास के नाम पर हरे-भरे पेड़ कब तक काटे जायेंगे? हमारी सरकारें एक तरफ पर्यावरण उत्सव मनाती हैं, पर्यावरण को स्वच्छ रखने और प्रदूषण मुक्त भारत बनाने की कसम खाती हैं, वहीं इस प्रकार की विनाशलीला करती हैं. आखिर क्यों?
अभिजीत मेहरा, गोड्डा

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