राजनीतिक महत्वाकांक्षा
राजनीतिक हलकों में इस वक्त राष्ट्र की खबर से अधिक महाराष्ट्र की खबर ज्यादा आ रही है. एक तो चुनाव पूर्व गठबंधन, दूसरे भाजपा और शिवसेना को मिला सरकार बनाने को जनादेश, बावजूद इसके दो सप्ताह बीतने के बाद भी नयी सरकार द्वारा शपथग्रहण नहीं लिया जाना शिवसेना और भाजपा की महत्वाकांक्षा का विरहगान है […]
राजनीतिक हलकों में इस वक्त राष्ट्र की खबर से अधिक महाराष्ट्र की खबर ज्यादा आ रही है. एक तो चुनाव पूर्व गठबंधन, दूसरे भाजपा और शिवसेना को मिला सरकार बनाने को जनादेश, बावजूद इसके दो सप्ताह बीतने के बाद भी नयी सरकार द्वारा शपथग्रहण नहीं लिया जाना शिवसेना और भाजपा की महत्वाकांक्षा का विरहगान है या कोरस?
ठाकरे परिवार की ओर से मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव गैर-जरूरी नहीं है, क्योंकि भाजपा की 105 सीट के बनिस्बत शिवसेना की 56 सीट कम भले लगे, लेकिन जब पहले भाजपा ने उत्तर प्रदेश में कम सीट पानेवाली बसपा को मुख्यमंत्री दिया था, बिहार में आरजेडी ने जेडीयू के हिस्से में मुख्यमंत्री दे दिया था, तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री हो सकते हैं? वैसे राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त है, न ही स्थायी दुश्मन! आज वहां जल्दी सरकार नहीं बनी, तो महाराष्ट्र विरह-वेदना के लिए अभिशप्त हो जायेगा.
डॉ सदानंद पॉल, कटिहार