मोमेंटम पकड़ता ”झारखंड”

उन्नीस वर्ष पहले बिहार से अलग होकर बने झारखंड राज्य की स्थिति शुरुआत में बीमार राज्य जैसी थी. माओवाद एकीकृत बिहार के समय से ही इस हिस्से की तरक्की को रोक रहा था, लेकिन इन वर्षों में हालात बदले हैं. प्रति व्यक्ति आय, शिशु जन्म व मृत्यु दर, विकास दर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2019 5:58 AM
उन्नीस वर्ष पहले बिहार से अलग होकर बने झारखंड राज्य की स्थिति शुरुआत में बीमार राज्य जैसी थी. माओवाद एकीकृत बिहार के समय से ही इस हिस्से की तरक्की को रोक रहा था, लेकिन इन वर्षों में हालात बदले हैं.
प्रति व्यक्ति आय, शिशु जन्म व मृत्यु दर, विकास दर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में झारखंड लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. इन सभी बातों का अंदाजा आप झारखंड की विकास दर को देख कर लगा सकते हैं, जो अपने साथ बने छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्यों की विकास दर की तुलना में ज्यादा हैं.
वैसे कुछ बातों का मलाल भी हैं. हम झारखंडवासियों को, जैसे कि जिस आदिवासी तबके से हमारे भगवान बिरसा मुंडा आते हैं, उस तबके का वैसा अपेक्षित विकास अब तक नहीं हुआ, जिसके वह हकदार है. साथ ही, झारखंड के पूर्ण विकास की नींव रखना अब भी बाकी है.
अमर कुमार यादव , झरिया, धनबाद ( झारखंड)

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