मौलिक हो हमारा संविधान
कल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया गया. यह अच्छी बात है कि हम सब अपने देश की मार्गदर्शिका पुस्तक को इस दिन याद करते हैं और निर्माताओं का आभार प्रकट करते हैं. हमारा संविधान अंग्रेजों के बनाये गवर्नमेंट ऑफ इंडिया रूल 1935 की नकल है. हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, फिर […]
कल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया गया. यह अच्छी बात है कि हम सब अपने देश की मार्गदर्शिका पुस्तक को इस दिन याद करते हैं और निर्माताओं का आभार प्रकट करते हैं. हमारा संविधान अंग्रेजों के बनाये गवर्नमेंट ऑफ इंडिया रूल 1935 की नकल है. हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, फिर भी हम आज तक सभी के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं कर पाये हैं.
हमारी संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गयी है, जिसके हम गुलाम थे. आज भी ब्रिटेन की महारानी बिना वीजा भारत आ-जा सकती है. हम अपने संविधान में 70 वर्षों में ही सैकड़ों संशोधन कर चुके हैं. लेकिन, हम आज भी मूलभूत समस्याओं से संघर्ष कर रहे हैं. यदि हम देश का भला चाहते हैं, तो हमें एक ऐसे संविधान की आवश्यकता है, जो मौलिक हो एवं जो भारतीयता पर आधारित हो.
आशीष कुमार, बिरनी, गिरिडीह, झारखंड