ताकि महाराष्ट्र न बने झारखंड

झारखंड में विधानसभा चुनाव दिसंबर में पांच चरणों में होने जा रहा है. जैसे-जैसे चुनाव की सरगर्मी तेज हो रही है, सभी दल अपनी सरकार बनाने तथा अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए लोगों से लुभावने वादे कर रहे हैं. सभी राजनीतिक दल अपने घोषणापत्रों में वादों की फेहरिस्त डाल रहे हैं. ऐसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2019 7:44 AM
झारखंड में विधानसभा चुनाव दिसंबर में पांच चरणों में होने जा रहा है. जैसे-जैसे चुनाव की सरगर्मी तेज हो रही है, सभी दल अपनी सरकार बनाने तथा अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए लोगों से लुभावने वादे कर रहे हैं. सभी राजनीतिक दल अपने घोषणापत्रों में वादों की फेहरिस्त डाल रहे हैं.
ऐसे ही हम नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि हम अच्छे उम्मीदवार का चयन करें. किसी के बहकावे में आकर या लुभावने वादों को देखकर उम्मीदवार ना चुनें. हमें अपने मतदान अवश्य करना चाहिए, किंतु ऐसे व्यक्ति जो कर्मठ व ईमानदार हो, तथा जिनमें जनसेवा की भावना हो, वैसे ही उम्मीदवार का चयन करना चाहिए. आज झारखंड को बिहार से अलग हुए 19 वर्ष हो चुके हैं, परंतु झारखंड खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के बावजूद यह पिछड़े हुए राज्य की श्रेणी में आता है. इतने वर्षों में मात्र पांच वर्ष ही यहां स्पष्ट बहुमत वाली सरकार रही. अतः हमें झारखंड के विकास के लिए एक स्थिर सरकार चुनना होगा, ताकि महाराष्ट्र वाली स्थिति झारखंड में ना हो.
कन्हाई, रांची, झारखंड

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