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नवान्न पर्व पर हो अवकाश

भारत कृषि प्रधान देश है, जहां की सत्तर प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. नवान्न, जिसका शाब्दिक अर्थ नया अन्न है, अर्थात यह नयी फसल से प्राप्त अनाज को अग्नि के माध्यम से देव एवं पितर को समर्पित किये जाने के पश्चात स्वोपभोग की सनातनी परंपरा का खालिस देसी कृषक पर्व है. अतः इस पर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2019 5:37 AM

भारत कृषि प्रधान देश है, जहां की सत्तर प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. नवान्न, जिसका शाब्दिक अर्थ नया अन्न है, अर्थात यह नयी फसल से प्राप्त अनाज को अग्नि के माध्यम से देव एवं पितर को समर्पित किये जाने के पश्चात स्वोपभोग की सनातनी परंपरा का खालिस देसी कृषक पर्व है.

अतः इस पर्व के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित होना चाहिए, ताकि अन्नदाता किसान और उनका परिवार अपने खून-पसीने से उपजी फसल के प्रथम स्वाद के पर्व का भरपूर आनंद ले सकें. गौरतलब है कि अधिकांश नौकरीशुदा लोग भी किसान परिवार से होते हैं. कृषि और किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था के भी रीढ़ हैं. ऐसे में कृषि फसल पर्व पर सार्वजनिक अवकाश तो उनका हक बनता है.

सुरजीत झा, गोड्डा, झारखंड

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