फास्टट्रैक से हो सजा
तेलंगाना में एक महिला डॉक्टर को बलात्कार के बाद जिंदा जलाने की घटना तथा तमिलनाडु में एक लड़की के साथ बलात्कार और रांची की एक लॉ की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार, इन तीनों घटनाओं ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है. हम किस तरह के समाज का निर्माण कर रहे हैं? यह […]
तेलंगाना में एक महिला डॉक्टर को बलात्कार के बाद जिंदा जलाने की घटना तथा तमिलनाडु में एक लड़की के साथ बलात्कार और रांची की एक लॉ की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार, इन तीनों घटनाओं ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है. हम किस तरह के समाज का निर्माण कर रहे हैं? यह एक गंभीर चिंता का विषय है. आये दिन समाचारों में हमें बलात्कार जैसे जघन्य अपराध की खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐसा करनेवाले लोग विकृत मानसिकता के होते हैं. अगर कानून का भय उन दरिंदों में होता, तो ऐसी घटनाएं न हुई होतीं. जरूरत है उनमें भय पैदा करने की.
फास्टट्रैक कोर्ट के द्वारा उन्हें तत्काल सजा दिये जाने की जरूरत है. अगर किसी बलात्कारी को दंड दिये जाने में वर्षों लगेंगे, तो स्वाभाविक है कि कानून के प्रति लोगों का विश्वास टूटेगा और गुनहगारों के बच निकलने की उम्मीद बनेगी. हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज में ऐसे लोगों का बहिष्कार करें. सरकार कहती है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लेकिन बेटी बचेगी ही नहीं, तो बेटी पढ़ेगी कहां से? अतः हमें सजग होना होगा, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
कन्हाई, रांची, झारखंड