भारत के कई शहरों में अब भी पॉली बैग का व्यापक स्तर पर धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. कानून की नजर से भी और समाज की नजर से भी. कानूनी तौर पर 40 माइक्रोन के पॉली बैग का इस्तेमाल किया जा सकता हैं. पटना का नजारा और हाल बहुत बुरा है. यहां फल, सब्जी, राशन इत्यादि बेचनेवाले इसका इस्तेमाल बहुत ही व्यापक स्तर पर कर रहे हैं, जो बहुत ही चिंता का विषय है.
बीते दिनों बाढ़ का कारण भी ये पॉली बैग ही थे. पटना में प्रदूषण मीटर हमेशा रेड जोन में रहता है, यानी बहुत खराब स्तर पर. सबकी इच्छा है कि वे साफ-सुथरा परिवेश में रहें, प्रदूषण मुक्त हवा में सांस लें, स्वच्छ जल पियें. मगर ऐसा हो नहीं पाता. इसके पीछे मुख्य कारण व्यवस्था है. चाहे शासन हो या प्रशासन, या सामाजिक वयवस्था दोनों बुरी स्थिति में हैं. पटना का यह हाल है, तो पूरे भारत का क्या हाल होगा. इसलिए पॉली बैग के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए.
अमर यादव, झरिया, झारखंड