नेताओं की भी हो परीक्षा

किसी दार्शनिक ने कहा था कि लोकतंत्र मूर्खो का शासन है. अब देखिए न! हमारे देश में डॉक्टर, इंजीनियर, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, न्यायाधीश, सेनाध्यक्ष, वैज्ञानिक आदि परीक्षा के बाद ही चुने जाते हैं.इसका मतलब देश का हर कर्मचारी कोई न कोई परीक्षा पास करने के बाद ही अपना पद पा सकता है. लेकिन देश की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2014 6:25 AM

किसी दार्शनिक ने कहा था कि लोकतंत्र मूर्खो का शासन है. अब देखिए न! हमारे देश में डॉक्टर, इंजीनियर, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, न्यायाधीश, सेनाध्यक्ष, वैज्ञानिक आदि परीक्षा के बाद ही चुने जाते हैं.इसका मतलब देश का हर कर्मचारी कोई न कोई परीक्षा पास करने के बाद ही अपना पद पा सकता है. लेकिन देश की बागडोर अशिक्षितों के हाथों में क्यों? वार्ड सदस्य, सरपंच, प्रधान, विधायक, नगर पार्षद, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर निगम अध्यक्ष, संसद सदस्य, लोक सभा सदस्य, यहां तक कि मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का भी यही हाल है. आखिर इनकी परीक्षा क्यों नहीं ली जाती?

देश के सबसे जिम्मेवार लोगों की परीक्षा तो होनी ही चाहिए, कि वह अपनी जिम्मेवारी कितनी कुशलता से निभा सकता है. कही वह देश या राज्य को किसी मुश्किल में तो नहीं डाल देगा!

– राहुल सिंह, जमशेदपुर

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