काला धन कभी वापस आयेगा?
नरेंद्र मोदी और रामदेव जब विपक्ष में थे, तो विदेशों विदेशी बैंकों में में भारतीयों का जमा काला धन भारत लाने के लिए तत्कालीन यूपीए-2 की सरकार पर दबाव बना रहे थे, लेकिन आज विदेशों में भारतीयों का जमा काला धन क्या कभी भारत आयेगा, इसमें संदेह है क्योंकि अगर नरेंद्र मोदी और रामदेव यह […]
नरेंद्र मोदी और रामदेव जब विपक्ष में थे, तो विदेशों विदेशी बैंकों में में भारतीयों का जमा काला धन भारत लाने के लिए तत्कालीन यूपीए-2 की सरकार पर दबाव बना रहे थे, लेकिन आज विदेशों में भारतीयों का जमा काला धन क्या कभी भारत आयेगा,
इसमें संदेह है क्योंकि अगर नरेंद्र मोदी और रामदेव यह सोचते हैं कि विदेशों में सिर्फ कांग्रेस के लोगों का ही काला धन जमा है, तो यह उनकी ही गलतफहमी है, क्योंकि अब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्हें इस दिशा में ईमानदारी से ठोस कार्रवाई करनी चाहिए. स्विस बैंक में जो भारतीयों का काला धन जमा है, उसकी सूची में कॉरपोरेट जगत का शायद ही कोई ऐसा बड़ा नाम हो जिसका काला धना शायद स्विस बैंक या अन्य विदेशी बैंकों में जमा न हो.
दूसरी ओर, इसमें फिल्म कलाकारों का नाम भी आयेगा, तो कांग्रेस के नेताओं का तो आयेगा ही, लेकिन विपक्ष के भी उन तमाम नेताओं के नाम आयेंगे जो राज्यों में मंत्री या मुख्यमंत्री रहे हैं और तब भाजपा के ही नहीं, बल्कि लगभग सभी मुख्य राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम आयेंगे, इसलिए संदेह होता है कि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार भी क्या काला धन भारत लाने में सफल होगी!
क्योंकि इसके लिए सरकार का सीना 56 इंच का होना चाहिए और वक्त बतलायेगा कि इस सरकार का सीना 56 इंच का है कि नहीं, क्योंकि जब अपनों के नाम आयेंगे, तो क्या होगा? क्या सरकार हिम्मत दिखा पायेगी? क्या मोदी इतनी साहस जुटा पायेंगे या कथनी और करनी में अंतर साफ नजर आयेगा?
इसलिए नरेंद्र मोदी के लिए यह भी लिटमस टेस्ट होगा कि वह इस दिशा में कहां तक आगे बढ़ते हैं या फिर हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ वाली कहावत चरितार्थ होगी.
– डॉ भुवन मोहन, हिनू, रांची